Good News! बस इतने दिन की है तकलीफ, फिर हिलोरें भरेगी इंडियन इकोनॉमी : नीति आयोग
Coronavirus ने भले ही Global economy को हिला कर रख दिया हो. लेकिन देश की इकोनॉमिक ग्रोथ अगले कारोबारी साल (2021-22) के अंत तक फिर से हिलोरें भरेगी.
2020-21 में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में गिरावट 8 प्रतिशत से कम रहने का अनुमान है. (Reuters)
2020-21 में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में गिरावट 8 प्रतिशत से कम रहने का अनुमान है. (Reuters)
Coronavirus ने भले ही Global economy को हिला कर रख दिया हो. लेकिन देश की इकोनॉमिक ग्रोथ अगले कारोबारी साल (2021-22) के अंत तक फिर से हिलोरें भरेगी. सरकार के Think tank नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार की मानें चालू कारोबारी साल 2020-21 में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में गिरावट 8 प्रतिशत से कम रहने का अनुमान है.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भी चालू कारोबारी साल में इकोनॉमिक रेट में गिरावट के अनुमान को 9.5 प्रतिशत से घटकर 7.5 प्रतिशत कर दिया है. नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने 2022 के लिए ग्रोथ रेट के अनुमान के बारे में पूछे जाने पर पीटीआई-भाषा से कहा-हम निश्चित रूप से 2021-22 के अंत तक Covid 19 के पहले के स्तर पर पहुंच जाएंगे.
Manufacturing activity
उन्होंने कहा कि चालू Fiscal year (FYY) में जीडीपी में गिरावट 8 प्रतिशत से कम रहने का अनुमान है. इंडियन इकोनॉमी ने मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियां बढ़ने से चालू FY की सितंबर तिमाही में उम्मीद से बेहतर सुधार दर्ज किया है. जुलाई-सितंबर तिमाही में अर्थव्यवस्था में गिरावट घटकर 7.5 प्रतिशत रह गई है. बेहतर उपभोक्ता मांग से आगे अर्थव्यवस्था की स्थिति और सुधरने की उम्मीद है.
TRENDING NOW
Disinvestment
सरकार का चालू कारोबारी साल में Disinvestment से 2.10 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य है. इसमें से 1.20 लाख करोड़ रुपये केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (CPSE) में हिस्सेदारी बिक्री से और 90,000 करोड़ रुपये वित्तीय संस्थानों में सरकार की हिस्सेदारी बिक्री से जुटाए जाएंगे.
GDP ratio Vs Loan
बैंकिंग क्षेत्र के सुधारों के बारे में पूछे जाने पर कुमार ने कहा कि इस क्षेत्र का और विस्तार किए जाने की जरूरत है और साथ ही प्रतिस्पर्धा भी बढ़ाने की जरूरत है क्योंकि देश का प्राइवेट लोन से सकल घरेलू उत्पाद (GDP) अनुपात काफी कम है. वहीं अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं के मामले में यह 100 प्रतिशत से ज्यादा है.
Chemical free agriculture
कुमार ने कहा कि ऐसे में हमें निजी कर्ज बढ़ाने की जरूरत है, यह तभी हो सकेगा जबकि हमारे बैंकिंग क्षेत्र का विस्तार होगा. देश के कृषि क्षेत्र पर कुमार ने कहा कि नीति आयोग रसायन मुक्त प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन दे रहा है. इसमें कृषि उत्पादन की लागत में भारी कटौती करने करने की क्षमता है. साथ ही इसका पर्यावरण पर भी काफी सकारात्मक असर पड़ेगा.
Zee Business Live TV
01:23 PM IST